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सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर
Key Line Times
टांलीगंज,युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेशकुमार जी ठाणा – 3 के सान्निध्य में 161 वें मर्यादा महोत्सव के त्रिदिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन का सफल आयोजन टांलीगंज श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा दसानी स्टूडियो में किया गया। इस अवसर पर अच्छी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। संगठन की दीर्घ जीविता के रहस्य” विषय पर उद्बोधन प्रदान करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा – सामाजिक एवं धार्मिक चेतना के जागरण का एक सशक्त माध्यम है- संगठन । संगठन में शक्ति होती है। शक्ति शक्ति को आकर्षित करती है। शक्ति के व दायित्वबोध के अभाव में अच्छे से अच्छा संगठन भी तिनकों की तरह बिखर जाता है। उद्देश्य और दायित्व के साथ चलने वाला छोटे से छोटा संगठन भी आकाश व्यापी ऊँचाई को प्राप्त हो सकता है। आचार्य भिक्षु संगठन के शिल्पकार थे। उनके द्वारा स्थापित तेरापंथ धर्मसंघ का संगठन ढाई सौ वर्षों के बाद भी मजबूती के साथ अध्यात्म की यशोपताकाएं फहरा रहा है। मुनि श्री जिनेशकुमार जी ने आगे कहा – संगठन की दीर्घजीविता का रहस्य आचार्य भिक्षु द्वारा प्रदत्त मर्यादा, अनुशासन और व्यवस्था के सूत्रों में छिपा हुआ है। न्याय, संविभाग, सेवा, समभाव, पारस्परिक सौहार्द, विश्वास, आस्था, योग्य व्यक्तियों का चयन, स्वार्थ चेतना का विसर्जन, गुटबन्दी नहीं करना, कत्र्तव्यनिष्ठा, उदारता, सामन्जस्य, समर्पण, पुरुषार्थ, पारदर्शिता, परस्पर हेत, प्रामाणिकता, ध्येयनिष्ठा आदि सूत्र संगठन के लिए अमृत है। एक नेतृत्व पर भरोसा संगठन के लिए संजीवनी का कार्य करता है। इस अवसर पर मुनिश्री परमानंद जी ने कहा- आचार्य भिक्षु ने मर्यादाओं का निर्माण कर संगठन को दीर्घजीविता प्रदान की। कार्यक्रम शुभारंभ बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी के मंगल संगान से हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभा, , ते.यु.प. ते.महिला मंडल का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।