सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर
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सुरत,’विंटर क्रॉनिकल’ शिर्षक से पुस्तक का लेखन-सम्पादन कर सिवांची-मालाणी क्षेत्र एवं तेरापन्थ जैन समाज का गौरव बढ़ाया ।जसोल निवासी व दुबई प्रवासी मान्या भंसाली (सपुत्री राज-विवेका भंसाली) व (सुपौत्री श्री गणपत-कस्तूरी देवी भंसाली) ने महज 14 वर्ष की उम्र में अपनी कल्पना शक्ति से अंग्रेजी भाषा की पुस्तक विंटर क्रॉनिकल शिर्षक की पुस्तक की लेखिका बन कर सिवांची-मालाणी विस्तार व तेरापन्थ-जैन समाज का गौरव बढ़ाया है। ये पुस्तक विंटर सरनेम की दो जुड़वा बहिनों के अदम्य साहस पर आधारित है। कहानी डेनिका विंटर व उसकी बहिन से जुड़ी हुई है, जो आम किशोरियों की तरह स्कूल जाती थी व साथियों सहेलियों के साथ खेला करती थी। जिन्हें एक समुन्दरनुमा विशाल वॉटर पार्क में घातक समुंद्री जीवों के बीच फेंक दिया जाता है, लेकिन डेनिका व उसकी बहिन में समाई अलौकिक शक्तियों से वे अन्य किशोर-किशोरियों के साथ मिलकर जेफिर की बुराई के खिलाफ युद्ध लड़ती है। उपरोक्त पुस्तक दिल्ली के प्रकाशक नुवॉइस पब्लिकेशन ने प्रकाशित की है। 299 रु की कीमत की ये पुस्तक अमेजॉन, फ्लिपकार्ट व स्नैपडील के माध्यम से ऑनलाइन व दिल्ली आदि शहरों के प्रमुख बुक स्टॉलों पर भी उपलब्ध हें। ये उल्लेखनीय है कि मान्या जेम्स फाउंडर स्कूल दुबई की कक्षा 11 की विद्यार्थी है। व अंग्रेजी पुस्तकें पढ़ने में उसकी गहरी रुचि है। मान्या की ये उपलब्धि परिवार की साहित्यिक पृष्ठ भूमि का प्रमाण है। मान्या के दादा श्री गणपत जी भंसाली स्वंय लेखक व पत्रकार है व अनेक पुस्तकें उनके द्वारा प्रकाशित हुई है तथा मान्या की भुआ भावना-कमलेश कोठारी (बंगलोर-जसोल) बतौर मोटिवेटर, ट्रेनर तथा लेखिका के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुकी है।