रामदेव सजनाणी /जोधपुर, Key Line Times
जोधपुर,पेपर लीक करने वाले माफियों से बेरोजगार उभरे भी नहीं थे कि अब कोचिंग संस्थान वाले भी बेरोजगारों से जबरन वसूली को लेकर सक्रिय हो गए है। बड़े बड़े होर्डिंग्स और लुभावने विज्ञापनों के जरिए बेरोजगारों विद्यार्थियों को अपनी और आकृषित करने वाले कोचिंग संस्थान असल में अन्दर से कितने खोखले है, यह एक युवक द्वारा कोचिंग संस्थान के विरुद्ध किए गए मुकदमे से पता चलता है। हालांकि पुलिस इसकी जांच कर रही है । जानकारी के मुताबिक कुचामन सिटी डिडवाना थाना मे दिनेश पुत्र ओमप्रकाश जाति विश्रोई ग्राम नोखडा चारणान,फलौदी पीएस भोजासर ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि मैंने गत 5 अक्टूबर को गुरुकुल एज्युकेशन ग्रुप में डिफेंस की तैयारी करने के लिए संपर्क किया तो गुरुकुल विद्यालय के संचालक ने मुझे अच्छे भविष्य के लिए डिफेंस की तैयारी कराने का झांसा दिया। तो मैं व मेरे पिता दोनो वहां रुक गए व एडमिशन करवाया और 10 हजार रुपए फीस भी जमा करवाई । संस्थान ने 50 हजार रुपए फीस के मांगे जिस पर पिताजी ने कल जमा करवाने का बोला और घर चले गए। दूसरे दिन जब मेरे को पता चला की यहां कुछ नहीं है तो संस्थान के लोगों ने मेरे को फोन दिया व बोला की अपने पिताजी को फोन कर व पैसे मंगवा तो मैंने उनको मना किया था कि मैं यहां नहीं रहना चाहता तो उन्होंने बोला की यह मैं जानता था कि तु यही बोलेगा और मुझे अकेले को एक ऑफिस में बिठा दिया। मुझे 4 घंटे बिठाये रखा व मेरा मोबाईल और उसका पासवर्ड लेकर उन्होंने मेरे मोबाईल से मेरे पिताजी को मैसेज किया कि मेरा यहां मन लग गया है । आप पैसे डाल दो जब मेरे पिताजी ने मेरे अकाउंट पर पैसे किये तो उन्होंने मेरे मोबाईल में एटीएम कार्ड का फोटो था , उसके जरिए 40,000 रुपये निकाल लिये जिसमें उन्होंने 35000 क्रेडिट कार्ड बिल व 5,000 अपने खाते में किये जो कि मेरी अनुमति के बिना व चोरी छुपे निकाले गये जिसमें मैने उनको मना किया था कि मैं यहां नहीं रहना चाहता। तो मैंने जब पिताजी से बात करवाने का बोला तो उन्होंने बोला कि हमारा नियम है कि हम 15 दिन तक बात नहीं करवाते। मैंने किसी अभिभावक का फोन लेकर पिताजी को कॉल किया और कहा कि पिताजी यहां पर कुछ कुछ भी नहीं है क्योंकि उन्होंने मेरा मोबाइल छीनकर अपने पास जमा कर लिया था और मेरे को बात भी नहीं करवायी। यहां न कोई डिफेंस संबधी कक्षाएं है न ही कोई डिफेंस टीचर है ना कोई यहां व्यवस्था है, ना कोई यहां पढ़ाई है खाली नाथों का बाडा है। सारे फर्जी (ढोक ढटोला) है। मुझे यहां से गांव ले चलो तब पिताजी 11 अक्टूबर को आए और फीस मांगी तब संस्थान के डायरेक्टर जीवण राम ने फीस देने से मना कर दिया। मुझे बड़ी मुश्किल से पिताजी से मिलवाया था।
पुलिस ने इस संबंध में गुरुकुल डिफेंस अकेडमी पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों और जानकारों की माने तो संस्थानों द्वारा कई प्रकार की शर्तों के कागजों पर एडमिशन फॉर्म बताकर अभिभावकों और विद्यार्थियों के हस्ताक्षर करवा दिए जाते है। इसके बाद पूरी फीस वसूल कर दी जाती है। बाद में विद्यार्थियों को अपने हाल पर छोड़ दिया जाते है। एडमिशन लेने के बाद विद्यार्थी खुद को ठगा महसूस करता है लेकिन फीस वापिस नहीं दी जाती। जिसके चलते या तो विद्यार्थी वही संस्थान में घुट घुट कर रहता है या फीस छोड़कर वापिस घर चला जाता है। यहां के बाशिंदों की माने तो क्षेत्र के कोचिंग संस्थानों की पूर्ण जांच होनी चाहिए ताकि बेरोजगारों विद्यार्थियों के भविष्य पर कोई अंधेरा ना छा जाएं।
गुरुकुल डिफेंस एकेडमी के खिलाफ गलत तरीके से फीस वसूलने व फीस वापिस नहीं देने का मामला दर्ज हुआ है। इस संबंध में जांच शुरू की गई है।
किशन हैड कांस्टेबल
जांच अधिकारी
पुलिस थाना
कुचामनसिटी
गुरुकुल डिफेंस एकेडमी डायरेक्टर जीवनराम जाखड़, से सवाल ज़वाब:-
सवाल : सर, आपके संस्थान पर जबरन फीस वसूलने का मामला सामने आया है?
जवाब : यह मामला पूरा झूठा और मनगढ़ंत है।
सवाल : फीस संबंधी नियम आपका है या सरकार के अनुसार नियम है।
जवाब : छात्र के प्रवेश के समय छात्र और उनके अभिभावकों को संस्था में प्रवेश के समस्त नियम और शर्ते बताई जाती है और यह सब लिखित में होता है। इसी एग्रीमेंट से संस्था और छात्र व उनके अभिभावक बंधे होते है और इसी के तहत अध्ययन करवाया जाता है। प्रवेश से पहले अध्ययन, व्यवस्थाओं, सिस्टम सब बता दिया जाते है और अभिभावक के संतुष्ट होने पर ही उन्हें छात्र के प्रवेश हेतु कहा जाता है। एक बार प्रवेश के बाद जमा करवाई फीस वापिस नहीं दी जाती है। फीस संबंधी नियम हमारा है या सरकार का, उससे आपको क्या लेना देना है।
सवाल : क्या आपका फीस संबंधी नियम न्यायिक रूप से मान्य है?
जवाब : जब मामला कोर्ट में जाएगा तब देखेंगे।
सवाल : अगर छात्र का मन न हो और संस्थान छोड़ना चाहे तो क्या उसे उस समय की फीस काटकर बाकी फीस वापिस नहीं दी जा सकती क्या?
जवाब : यह आप मुझे नहीं कह सकते है। यह कोर्ट या सरकार कह सकती है।
सवाल : क्या आपकी संस्थान पर पहले भी फीस को लेकर मुकदमे हो रखे है?
जवाब : राजनीतिक दबाव का प्रयोग कर मामला दर्ज करवाया गया था।