संथारा साधिका श्रीमती सरोज जी टांटिया..कुसुम लुनिया, Key Line Times. संघ व संघपति के प्रति पूर्ण समर्पित उपासिका श्रीमती सरोज टांटिया नें मात्र 64 वर्ष की आयु में उच्च भावों से अमेरिका में संथारा स्वीकार करके आत्मकल्याण के पथ पर आगे बढी हैं, कुल पर कलश चढाया है।नये इतिहास का सृजन किया है। आचार्य श्री महाश्रमण की शिष्या समणी समत्व प्रभा जी एवं समणी अभय प्रभा जी ने श्रीमती सरोज टांटिया को गुरू आज्ञा से पुरे परिवार की सहमति से 6-10-2024 अमेरिका के समय अनुसार दोपहर 1 बजकर 13 मिनट ( अमेरिकन समय EST) पर चौविहार प्रत्याख्यान करवाया है ( जीवन भर के लिए अन्न जल ग्रहण करने का परित्याग )। जैन तेरापंथ के तत्वज्ञ श्रावक श्री धनराज जी टांटिया टमकोर निवासी व बैंगलार तथा अमेरिका प्रवासी , की धर्मपत्नि सरोज स्व दीपचन्द जी जीवणी देवी टांटिया की पुत्र वधु एवं स्व. रिद्धकरण जी लक्ष्मी देवी बैद की सुपुत्री हैं। साध्वी शशिप्रभा जी आपकी संसारपक्षीय भाभीजी महाराज हैं जो फलसुंड में विराजित साध्वी श्री सत्यवती के साथ हैं। श्रीमती सरोज टांटिया तत्वज्ञ श्राविका है जो बैगलोर – विजयनगर महिलामंडल की संस्थापक अध्यक्षा रही।धनराज जी और आपके सम्मिलित प्रयासों से 25 वर्षो तक ज्ञानशाला का सुचारू संचालन विजयनगर -बैगलोर स्थित आपके निवास में होता रहा। जब विजयनगर सभा भवन बना तब वंहा ज्ञानशाला शिफ्ट हुई तब भी प्रशिक्षिका के रूप में लगातार सेवाएं देती रहीं। 6 वर्ष पूर्व अकस्मात पता चला कि केंसर की बीमारी लास्ट स्टेज में है, बैंगलोर में ईलाज चला लेकिन बीमारी कन्ट्रोल नहीं हुई तब अमेरिका के डेलोवर स्टेट के बेर टॉउन में सुपुत्र नीरज लेकर आगया। पुत्रवधु आशा भी चित्तसमाधि में सहायक रही। अभी 5 दिन पहले तबियत बिगड गयी , संभवतः उन्हे अहसास होगया था कि अब अन्तिम समय नजदीक आगया है। आपने पुरी चैतन्य अवस्था में संलेखना प्रारम्भ कर दिया शनिवार को चौविहार उपवास किया और रविवार को उच्च भावों चौविहार संथारा स्वीकारा। ऐसी महान श्राविका के संथारा तप की बहुत बहुत अनुमोदना करते हैं, सुख साता पुछते हैं और बारम्बार खमत खावणा करते हैं 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 Contact श्री धनराज टांटिया +91 8553229925