प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष शुभारम्भ समारोह का सफल आयोजन…सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Times साऊथ हावड़ा,प्रेक्षाध्यान की साधना से आत्मदर्शन संभव है मुनि श्री जिनेश कुमार जी* साउथ हावडा युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार जी ठाणा-3 के सान्निध्य में प्रेक्षा फाउंडेशन के तत्त्वावधान में प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष शुभारम्भ समारोह का आयोजन साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा प्रेक्षा विहार में किया गया। इस अवसर पर प्रेक्षा प्रशिक्षिकाए व श्रावक श्राविकाएं अच्छी संख्या मे उपस्थित थे। इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा जिस साधक का मन- रुपी जल राग-द्वेष की तरंगों से चंचल नहीं है। स्थिर है वह आत्मतत्त्व को देखता है। उस तत्व को दूसरा व्यक्ति नहीं देख सकता। हमारा चित्त जल से भरा हुआ शांत सरोवर है। सरोवर में छोटा-सा कंकर डालते ही वह आस्थिर हो जाता है, तरंगीत हो जाता है। इसी प्रकार हमारा चित्त भी राग-द्वेष की तरंगों से चंचल हो उठता है उसे शांत बनाए रखने का अमोघ साधन है ध्यान। ध्यान एक अलौकिक दिव्य शक्ति है। ध्यान वह परम पुरषार्थ है। वह अध्यात्म साधना का सोपान व रिद्वि सिद्धि का दाता है। ध्यान धर्माराधना व साधना का महत्व पूर्ण अंग है। ध्यान पारस मणि है। ध्यान से आचार शुद्धि, विचार शुद्धि, भाव शुद्धि होती है। ध्यान में एक ध्यान प्रेक्षाध्यान । प्रेक्षा ध्यान साधना का नवनीत है। ध्यान से आत्म दर्शन संभव है। मुनिश्री ने आगे कहा. आज चारों ओर तनाव का माहोल है तनाव मुक्ति का उपाय प्रेक्षाध्यान है। भगवान महावीर ध्यान के महान साधक व ध्यान के सचेतक प्रयोक्ता थे। आचार्य श्री तुलसी की सन्निधि मे आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी ने अपनी साधना के द्वारा समाज को प्रेक्षाध्यान का आयाम दिया आचार्य श्री महाश्रमण जी ने प्रेक्षाध्यान की अर्ध शताब्दी के पूर्णता होती पर इस वर्ष प्रेक्षाध्यान कल्याण वर्ष घोषित किया उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। प्रेक्षाध्यान के प्रशिक्षकों के प्रति शुभकामना प्रकट करता हूं। सभी संस्थाओं के सदस्य भी प्रेक्षाध्यान की साधना करने का प्रतिदिन दस मिनिट लक्ष्य रखे। मुनिश्री ने प्रेक्षाध्यान के प्रयोग कराएं। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल मुनि श्री कुणाल कुमार जी के प्रेक्षागीत के संगान से हुआ। स्वागत भाषण साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत जी लक्ष्मीपत बाफणा ने दिया। प्रेक्षा इंटरनेशनल के प्रतिनिधि रणजीत जी दुगड, प्रेक्षा फाउंडेशन के प्रतिनिधि ईस्ट जोन कोर्डिनेटर श्रीमती मंजु जैन सिपानी ने प्रेक्षाध्यान के संदर्भ में विचार व्यक्त किये। आचार्य श्री महाश्रमण, जी के संदेश का वाचन संजय जी पारख ने किया। प्रेक्षाध्यान के विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रवृत्तियों की जानकारी की प्रस्तुति प्रेक्षा प्रशिक्षिकाओं ने प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन मुनि श्री परमानंद ने किया ।
Key line times
2 weeks ago