साउथ हावड़ा मे हुवा पूर्वांचल स्तरीय युवा सम्मेलन का भव्य आयोजन…सुरेंद्र मुनोत ऐसोसिएट एडिटर, Key Line Timea साउथ हावड़ा, युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेश कुमार जी ठाणा- 3 के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में पूर्वांचल स्तरीय युवा सम्मेलन का आयोजन प्रेक्षा विहार में तेरापंथ युवक परिषद् साउथ हावड़ा द्वारा किया गया। सम्मेलन में अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष रमेश डागा, महामंत्री अमित नाहटा, मुख्य वक्ता कल्याण परिषद के संयोजक के. सी. जैन मुख्य अतिथि आई.ए.एस. अफिसर वैभव चैधरी, अ.भा. ते.यु.प. के पूर्व अध्यक्ष रतनजी दुगड़, महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश जी गोयल, अ.भा.यु.प.के पूर्व सहमंत्री सचेतक अनंत बागरेचा, कार्यकारिणी सदस्य जय चोरडिया,महाप्रज्ञ मेडिकल प्रभारी विकास बोथरा, भिक्षु दर्शन कार्यशाला प्रभारी सूर्यप्रकाश डागा, कार्यकारिणी सदस्य दीप पुगलिया, सुमित छाजेड़, राजीव बोथरा, आदि गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से उपस्थित थे। उद्घाटन सत्र में संगठन और युवा विषय पर उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा- सामाजिक एवं धार्मिक चेतना के जागरण का एक सशक्त माध्यम है- संगठन । संगठन में शक्ति होती है। शक्ति-शक्ति को आकर्षित – करती है। शक्ति व दायित्व बोध के अभाव में अच्छे से अच्छा संगठन भी तिनके की तरह बिखर जाता है | उद्देश्य और दायित्व के साथ चलने वाला छोटे से छोटा संगठन भी आकाशव्यापी ऊँचाईयों को प्राप्त हो सकता है। गुरुदेव तुलसी की दूर दर्शिता, आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी एवं आचार्य श्री महाश्रमण जी के पावन सिंचन से यह बहुत फली और फूली है। संगठन को शक्तिशाली बनाने के लिए समन, अप्रतिबद्ध व शांति साधक व्यक्तियों का होना बहुत जरुरी है। ‘मुनि श्री ने आगे कहा- युवा स्वर्ग की सच्ची अनुभूति है। युवा समाज का यथार्थ प्रतिबिम्ब है। युवा शक्ति का प्रतीक व ऊर्जा का पुंज है। युवा देश की तकदीर व तस्वीर है। युवा पराक्रम का प्रतीक होता है। वह अपने पुरुषार्थ व पराक्रम के द्वारा असंभव प्रतीत होने वाले कार्य को भी संभव बना देता है। युवा शब्द या अर्थ है वायु की तरह गतिशील होना। युवाओं को श्रद्वाशील विचारशील, सहनशील, कर्मशील व चरित्र शील होना चाहिए। सेवा, संस्कार व संगठन के माध्यम से सभी युवा धर्मसंघ की खूब सेवा करते रहें। इस अवसर पर मुनि श्री परमानंद जी ने कहा- संगठन में शक्ति होती है। सेवा, संस्कार के कार्य भी तभी हो सकेंगे जब युवा संगठित, और एकजुट होंगें। इस अवसर पर बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम उद्घाटन सत्र का प्रारंभ मुनि श्री के नमस्कार महामंत्रोच्चार के साथ हुआ। शाखा परिषदों के अध्यक्ष मंत्रियों द्वारा विजय गीत का संगान किया गया। श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन कल्याण परिषद् के संयोजक के सी. जैन ने किया। अ.भा.ते.यु.प. के अध्यक्ष रमेशजी डागा ने युवा सम्मेलन के उद्घाटन की घोषणा की। स्वागत भाषण तेरापंथ युवक परिषद् साउथ हावड़ा के अध्यक्ष गगनदीप बैद ने किया। साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के सहमंत्री कपिल धारीवाल ने सभा की ओर से आगंतुकों का स्वागत करते हुए विचार-व्यक्त किये। राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेशजी डागा ने सेवा संस्कार व संगठन के बारे में जानकारी देते हुए संगठित रहते हुए संस्था के प्रति समर्पित रहकर कार्य करने का आहवान किया मुख्य वक्ता कल्याण परिषद के संयोजक के सी. जैन ने युवाओं को प्रकृति के नियमों व श्वास के प्रति जागरूक रहकर धर्मसंध की सेवा करने की बात कही। मुख्य अतिथि I.A.S. ऑफिसर वैभव चौधरी ने कहा- युवापीढ़ी अपने जीवन में धर्म एवं संघ को सुदृढ़ करें। सभी एकजुट होकर एक दूसरे को सहयोग करें। ते.यु.प. एवं किशोर मंडल के सदस्यों ने सुमधुर गीत का संगान किया। अतिथियों एवं प्रायोजको का ते.यु.प. द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनिश्री परमानंद जी व मंत्री अमीत बैगवानी ने किया। द्वितीय सत्र संकल्प सत्र (हमारा संकल्प हमारे आयाम) में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने उदबोदन में कहा की 2016 से ही पूर्वांचल की सभी परिषदें अधिक सक्रियता के साथ कार्य कर रही है। आचार्य तुलसी की दूरगामी सोच थी की युवा कुछ भी कार्य कर सकता है । इस संस्था में कार्यकर्ताओं का निर्माण होता है। पूर्वांचल स्तरीय युवा सम्मेलन में भी युवक उपस्थित है सब क्वालिटी है और जो चाहते है की धर्म संघ का विकास हो। युवक परिषद एक मात्र संस्था है जिसके पास तीस आयाम है। अभातेयुप के पूर्व अध्यक्ष श्री रतन लाल दुगड़ ने बताया की जब परिषद का निर्माण हुआ तब आचार्य तुलसी से पूछा गया गुरुदेव हम क्या करें क्योंकि उस समय कोई कार्य करने को नही था और आज बोलते है हम क्या क्या करें। युवकों को अपने समय का नियोजन करना चाहिए। युवा सम्मेलन करने का उद्देश्य है की हम सब को एक दूसरे से प्रेरणा मिले। अभातेयुप संचेतक श्री अनंत बागरेचा , अभातेयुप सदस्य श्री विकास बोथरा, श्री सुमित छाजेड़,श्री दीप पुगलिया, श्री जय चोरड़िया, श्री राजीव बोथरा, श्री सूर्यप्रकाश डागा ने आयामों के विषय में जानकारी प्रदान की। अभातेयुप महामंत्री श्री अमित नाहटा ने कहा की हमारा युवक परिषद से जुड़ने का लक्ष्य है की हम अपने जीवन को और अच्छा कैसे बना सकें। हमारे अंदर बोलने का विकास हो। वर्तमान में फास्ट मनी का चलन आया जिससे हमारे युवकों को बचना चाहिए। छोटे बच्चों को नशे से बचाना है, बिज़नेस का ट्रेंड चेंज हो रहा है हमारे बिज़नेस को एक्सपेंड करने का समय है। स्वस्थ रहे , पैसा कमाएं, शांति का विकास करें आदि अनेक बातो पर प्रकाश डाला। तृतीय सत्र ऊर्जा सत्र में परिषद के उपाध्यक्ष श्री विक्रम भंडारी ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया एवं अपने उदगार व्यक्त किये। मुख्य वक्ता श्री विक्रम जी सेठीया (Life Coach) ने कहा जीवन में हम जो भी पाते है वो धर्म से ही प्राप्त होता है हमे अपने जीवन में धर्म को पकड़ कर रखना चाहिए। विक्रम जी ने युवाओं में जोश एवं ऊर्जा का संचार किया। मुनिश्री ने प्रेरणा पाथेय प्रदान किया। उपस्थित सभी परिषदों का सम्मान किया गया। आभार ज्ञापन सहमंत्री श्री राहुल दुगड़ ने किया एवं संचालन मंत्री श्री अमित बेगवानी ने किया। सम्मेलन को सफल बनाने में उपाध्यक्ष एवं संयोजक श्री विक्रम भंडारी सह संयोजक श्री भानु प्रताप चोरड़िया सहित सम्पूर्ण प्रबंधन समिति एवं कार्यसमिति सदस्यों का विशेष श्रम रहा। युवा सम्मेलन में साउथ हावड़ा, उत्तर कलकत्ता, लिलुआ, साउथ कलकत्ता, पूर्वांचल कोलकाता, हिन्दमोटर, कोलकाता मेन, उत्तर हावड़ा, सेंथिया, मुर्शिदाबाद इस्लामपुर और दिनहट्टा की शाखा परिषदों ने सहभागिता दर्ज की। सम्मेलन में लगभग 200 युवक सहभागी बनें। सम्मेलन प्रारंभ होने से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महामंत्री ने युवा साथियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया।
Key line times
3 weeks ago