*दक्षिण हावड़ा में हुआ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश*साउथ हावड़ा15 जुलाई 2024युगप्रधान, महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी सहवर्ती मुनिश्री परमानंद जी व मुनि श्री कुणाल कुमार जी का प्रेक्षा विहार, हावड़ा मिल्स क्लब हाऊस दक्षिण हावड़ा में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश अनुशासन रैली के साथ हुआ। चातुर्मासिक मंगल प्रवेश के पश्चात् स्वागत समारोह का आयोजन साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा किया गया।
स्वागत समारोह में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा- धार्मिक जगत की धुरी है चातुर्मास’ चातुर्मास काल में केवल कृषि की दृष्टि से ही समृद्धि काल है वरन आत्मोत्थान में भी सहायक हैं। चातुर्मास साधना सिद्धि का द्वार है। जागरण का काल है। चातुर्मास के सफलता में पांच सूत्र है- उत्साह उदारता, आत्मीयता, आराधना अनुमोदना । आज चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हुआ है। श्रावक समाज को ज्ञान, दर्शन चारित्र और तप की विशेष आराधना करनी है। मुनिश्री ने आगे कहा संत घरती के कल्पवृक्ष होते हैं। वे अध्यात्म के आकाश में इंसानियत का इन्द्रधनुष होते है। संत सौहार्द के सितार पर सद्भाव के संगीत होते हैं। संत अपनत्व के आंगन में आत्मीयता की आराधना होते हैं। संत धर्म के मूत्र्त रूप होते हैं। जो कंचन कामिनी का त्यागी होता है जो नियमों के प्रति सजग रहता है वह साधु होता है। साधुओ की सान्निधि का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। मुनिश्री ने आगे कहा- तन, मन में उदारता होनी चाहिए। उदारता व्यक्ति सफलता को प्राप्त होता है। उत्साह, उदारता की कमी के कारण व्यक्ति विफलता. को प्राप्त होता है। मुनिश्री ने प्रेरणा के रुप में कहा हमारा स्वागत किसी व्यक्ति का स्वागत नहीं है। किन्तु संयम त्याग सदाचार का स्वागत है गुरु कृपा का स्वागत है हमारा स्वागत तभी सार्थक होगा आप भगवान महावीर की वाणी सुनकर जीवन को सफल बनाएंगे गुरु ने जो हमें आदेश दिया था उसकी अनु पालना करते हुए आज चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया है। इस अवसर पर मुनिश्री परमानंदजी ने कहा – चातुर्मास जागरण का पर्व है। चातुर्मास में अधिक से अधिक धर्माराधना करें। इस अवसर पर बाल मुनिश्री पर कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत जी बाफणा ने दिया। इस अवसर पर महासभा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश जी गोयल, साउथ हावड़ा सभा के मुख्य ट्रस्टी संजय जी नाहटा, कलकत्ता सभा के अध्यक्ष अजय जी भंसाली, टी. पी. एफ. की अध्यक्षा खुशबु कोठारी, विमला जी मल ने स्वागत में अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद् ने पृथक्-पृथक् स्वागत गीतों का संगान किया ।
कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री बसंत जी पटावरी ने किया। इस अवसर पर बृहत्तर कोलकाता से अच्छी संख्या में गणमान्य व्यक्ति एवं श्रावक – श्राविकाएँ उपस्थित थे। अनुशासन रैली व कार्यक्रम को सफल बनाने सभा, महिला मंडल, ते.यु.प.,टी.पी.एफ., अणुव्रत समिति आदि कार्यकर्ताओ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अनुशासन रैली का भव्य आयोजनचातुर्मासिक मंगल प्रवेश से पूर्व उत्तर हावड़ा तेरापंथ सभागार से अनुशासन रैली आयोजित की गई। जो नगर के मुख्य-मुख्य मार्गो से होती हुई प्रेक्षा विहार पहुंची। रेली में विभिन्न संस्थाओं के सदस्य अपने-अपने गणवेश में जयघोष करते हुए व गीतों का संगान करते हुए चल रहे थे। 9.51 बजे मुनिश्री जिनेश कुमारजी आदि संत वृंद ने प्रेक्षा विहार में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश करने के पश्चात अनुशासन रैली सभा में परिवर्तित हो गई।