फलसुंड को ऑपरेटिव घोटाले को लेकर सौंपा ज्ञापन
ग्राम सेवा सहकारी समिति घोटाले पर किसानों की जुबानी।
कि लाईन टाईम संवादाता गणेश जैन फलसूंड जिला जैसलमेर
फलसुण्ड। तहसील क्षेत्र में हुए को कोपरेटिव घोटाले के संबन्ध में ग्रामीणों ने फलसूंड तहसीलदार सुनील कुमार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर 7 दिन के अंदर कार्रवाई करने का अल्टीमेटम देते समस्त किसान जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन कि होगी। ज्ञापन में बताया कि किसान अधिकारीयों, पुलिस स्टेशन व जिला कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काट काटकर परेशान हों गए है। यदि समय रहते कार्यवाही नहीं हुई तो मजबूर किसान आत्म हत्या कर सकते हैं। जिसकि जवाबदारी प्रशासन कि होगी। प्रधानमंत्री
इधर किसानों कि मांग क्या है
1. आज तक प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
2. उक्त सहकारी समितियों को भंग करके नई कमेटिया गठित की जाए
3. उक्त प्रकरण की जाँच एसओजी से करवाई जाए ।
4. कोपरेटिव के आलावा बैंक व सीएससी द्वारा की गई पालिसी यो की जाँच की जाए। 10 माह हुए प्रकरण।
पर अभी तक किसी प्रकार की की कार्यवाही नहीं हुई तो सप्ताह भर में समस्त किसान जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा है।
फसल बिमा कृषि क्लेम में हुए घोटाले की जाँच करके तुरंत कार्यवाही की जाए। फलसुण्ड तहसील में ग्राम सेवा सहकारी समिति फलसुण्ड मानासर, भूर्जगढ़, पदमपुरा, स्वामी जी की ढाणी में हुए कृषि क्लेम
घोटालेबाजों में व्यवस्थापकों द्वारा फर्जी कागजाद तैयार करके फर्जी बंटाईदार बनाकर किसानो के क्लेम की राशी हड़पी गई। उन पर उचित कार्यवाही नहीं होने से किसान अब जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
पीएम फसल बीमा योजना के चलेम बांटने को लेकर राजस्थान में महाघोटाला हो गया। पहले भरतपुर में हुआ। लेकिन कार्रवाई हो गई। जालोर में हुआ उस पर भी कार्रवाई हुई। लेकिन जैसलमेर में खुद भोमाराम 2021, 2022 में सेंट्रल को आपरेटिव बैंक के एमडी थे। उस दौरान घोटाला हुआ। जिले के कलेक्टर और एमडी के हस्ताक्षर बिना जिले की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के क्लेम पास ही नहीं होते। भीमाराम ने समितियों से भेजे गए सभी फजीं क्लेम बिना जांच के पास कर दिए। घोटाला नीचे से ऊपर तक मिलीभगत से दबाया जाता रहा। 2 दिन पहले एसीबी की राहार पर आए राजस्थान स्टेट को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड जयपुर। अपेक्स बैंक) के एमडी भोमाराम को हटा तो दिया। लेकिन भोमाराम के हस्ताक्षर से पीएम फसल बीमा के हजारों क्लेम फर्जी तरीके से पास हो गए। एसडीएम भणियाणा की जांच में फर्जी बटाईदारों को क्लेम देने का घोटाला खुला। जिसमे सामने आया कि बंटाईदार कभी किसान के खेत में गए ही नहीं। किसान उनको जानते ही नहीं। ब्लेम आवेदन और धन जारी करने का सारा खेल कागजी में हुआ। ऑनलाइन किया गया। जैसलमेर जिले की 10 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के 40 से अधिक गांवों के 4800 बटाईदारों को केवल भू रिकार्ड और रकबों के आधार पर फर्जी क्लेम खातों में ट्रांसफर कर दिए। 300 करोड़ रुपए फर्जी बंटाईदार डकार गए। केंद्र में सहकारिता मंत्रालय अमित शाह के पास है। शाह तक शिकायतें पहुंची। 1200 से अधिक किसानों ने शाह और सीएम कार्यालय भी किसानों ने पत्र और मेल भेजे। लेकिन मामले को दबाते रहे। हमें तो यह भी नहीं पता। कि हमारे खेत पर क्लेम उठाने वाले फर्जी बंटाईदार का नाम क्या है? हमारे खेत पर कभी कोई बटाईदार नहीं आया। न कभी किसी दूसरे ने हमारे खेत पर खेती की। फिर क्लेम कैसे पास हो गया ?
किसान अर्जुनसिंह जोघा
एमडी और कलेक्टर के हस्ताक्षर बिना जारी नहीं होता फसल बीमा क्लेम, भोमाराम फर्जी आवेदकों के नाम करते रहे करोड़ों रुपए पास
समितियों द्वारा बनाए 4800 फर्जी बंटाइदारों को यह भी नहीं पता कि उनको किस किसान के खेत पर क्लेम मिला। पीएम फसल बीमा क्लेम घोटाला उजागर करने पर सीएम कार्यालय की तरफ से सहकारिता विभाग ने प्रकरण तलब किया है। विभाग के अफसर भीमाराम को हटाए जाने के बाद प्रकरण की जानकारी भेज रहे हैं। नाबार्ड बैंक ने कार्रवाई नहीं की- पीएम फसल बीमा योजना की राशि केंद्र से जारी होने के बाद नाबार्ड बैंक द्वारा राज्यों को ट्रांसफर होती है। नाबार्ड बैंक के अफसरों के ध्यान में योजना का घोटाला ताया गया। लेकिन ये भी कार्रवाई से बचते रहे। सख्त कार्रवाई नहीं की। जयपुर स्थित नावार्ड कार्यालय में किसानों ने शिकायतें की थी। हमने और पूरे गांव ने कभी सभी खेतों में मूंग बोए ही नहीं। समितियों ने फर्जी कागज तैयार कर हमारे खेतों में मूंग जले दिखाकर क्लेम किसको दे दिया, हमें कोई जानकारी नहीं।
किसान मनोहर सिंह जोपा
मेरे खेत में फर्जी बंटाईदार डाल कर क्लेम के लाखों रुपए उठाए गए। बंटाइदारों के नाम पता चले तो अब कहते हैं, आपके खेत को हम नहीं जानते। अब किससे पूछे कि घोटाला किसने किया?
दुर्गचन्द मगनिराम जैन निवासी बंगलोर कर्नाटक।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भजनलाल सरकार ने 6 माह में जब्त नहीं किए 300 करोड़, फर्जी बंटाईदारों के खातों में पड़ा है सरकारी पैसा भोमाराम के काल में 300 करोड़ का घोटाला, एमडी रहते फाइलों में दबाया गबन
राजस्थान स्टेट को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड जयपुर (अपैक्स बैंक) के प्रबंध निदेशक (एमडी) भोमाराम सहकारिता विभाग में फैली भ्रष्टाचार के वटवृक्ष की सबसे पुरानी और गहरी जड़ बताई जाती है। भाजपा और कांग्रेस के दोनों राज में भोमाराम ने हर मंत्री और अफसर को अपने इशारे पर नचाया और भ्रष्टाचार के कांड दबाते रहे। भोमाराम के समय में सेंट्रल को आपरेटिव बैंक जैसलमेर के एमडी रहने के दौरान करीब 300 करोड़ का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना घोटाला हुआ। वह आज भी दबा रखा है। ग्राम सेवा सहकारी समितियों की बंदरबांट और सेंट्रल को आपरेटिव बैंक की मिलीभगत से किसानों के खेतों में फर्जी बंटाईदार डालकर फर्जी तरीके से 4800 से अधिक फर्जी बंटाईदारों ने करोड़ों रुपए का क्लेम डाल दिया। खेत के मालिक को एक कोढ़ी नहीं दी गई, न बंटाईदार की जानकारी दी। न उसकी स्वीकृति
ली और न कोई डॉक्यूमेंट लिए। मामला उजागर हुआ तो कलेक्टर जैसलमेर ने एसडीएम भणियाणा से जांच करवा रिपोर्ट जयपुर भेजी कि सारी ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने फर्जी बंटाईदारों के खातों में करोड़ों रुपए डाले हैं। यह राज के धन की चोरी है, कार्रवाई की जाए। लेकिन एमडी भोमाराम ने गहलोत राज में 9 माह पहले इस पर अपनी खास जांच टीम जैसलमेर भेज लीपापोती कर दी। पूरा मामला दबा दिया। आज भी फर्जी बंटाईदारों के खातों में 300 करोड़ रुपए सीज किए पड़े हैं, लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई 9 माह से नहीं हुई। फलसूंड सहित 4 थानों ने 1800 एफआईआर पर 9 माह कोई कार्रवाई नहीं की। गौरतलब है कि बुधवार को भोमाराम के 7 भूखंडों पर एसीबी रेड हुई और करोड़ों की अघोषित संपत्ति, जेवरात, पत्नी के नाम पेट्रोल पंप, होटल आदि मिले।
भास्कर ने घोटाला बताया, कहते रहे-जांच करा दूंगा
भास्कर ने घोटाले का खुलासा होने के बाद भोमाराम को बार बार चेताया कि उनके काल में घोटाला हुआ। क्या किया? भोमाराम बार बार कहते रहे कि वे पर्सनल टीम भेज जांच करा देंगे। लेकिन किया कुछ नहीं। गजेंद्र शेखावत खुद धरने में बैठ चुकेः गहलोत राज में हुए इस घोटाले के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत किसानों साथ धरना दे चुके। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ प्रेसवार्ता कर चुके। किसान 19 बार धरना दे चुके। लेकिन घोटालेबाज बचते रहे।
भोमाराम के समय घोटाला अपैक्स बैंक एमडी भोमाराम जैसलमेर सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक के एमडी 2 जुलाई 2021 से 29 अगस्त 2022 तक रहे। उनके काल में सेंट्रेल को आपरेटिव बैंक राजमथाई के अधीन अधिकांश ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने करीब 16 हजार खेतों पर फर्जी दस्तावेज जमा करा, खेतों में सारे मूंग जले दिखा कर क्लेम अपने चहेतों के खातों में डाले।
10 ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने 16 हजार किसानों के उठाए फर्जी क्लेम
जैसलमेर जिले की ग्राम सेवा सहकारी समिति स्वामीजी की ढाणी, ग्राम सेवा सहकारी समिति फलसूंड, ग्राम सेवा सहकारी समिति भुर्जगढ़, ग्राम सेवा सहकारी समिति मानासर, ग्राम सेवा सहकारी समिति पदमपुरा, ग्राम सेवा सहकारी समिति दांतल, ग्राम सेवा सहकारी समिति भणियाणा, ग्राम सेवा सहकारी समिति भीखोड़ाई, ग्राम सेवा सहकारी समिति माड़वा, ग्राम सेवा सहकारी समिति डाबला आदि किसानों के खेतों पर फर्जी क्लेम उठा लिए। यह क्लेम 2021, 2022, 2023 में उठाए। भोमाराम एपीओ, फिर भी दफ्तर पहुंचे अपेक्स बैंक एमडी भोमाराम को एसीबी छापे बाद सहकारिता विभाग ने एपीओ कर दिया। उनको संयुक्त सचिव सहकारिता के कार्यालय में उपस्थिति के आदेश दिए। नए एमडी धनसिंह देवल को बनाया है।
मैंने तो फर्जी बंटाईदार बना खेतों के क्लेम उठाने वाली ग्राम सेवा सहकारी समितियों के खिलाफ फलसूंड थाने में मामला दर्ज करा दिया था। उस समय थानेदार कड़ी कार्रवाई का कह रहे थे, लेकिन अभी तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। प्रशांत कल्ला, एमडी, सेंट्रल को आपरेटिव बैंक जैसलमेर