आचार्य श्री महाश्रमण अभ्यर्थना समारोह का भव्य आयोजन
अक्षय ऊर्जा के स्रोत है-आचार्य महाश्रमण – मुनि जिनेशकुमार
उत्तर हावड़ा
आचार्य श्री महाश्रमण दीक्षा कल्याण महोत्सव के द्वितीय चरण को अभ्यर्थना समारोह के रूप में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेशकुमारजी ठाणा -3 के सान्निध्य में “श्री राम वाटिका “में उत्तर हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित किया गया। बृहत्तर कोलकाता के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा महापुरुषों का जीवन सागर के समान गंभीर और विशाल होता है। जिस प्रकार अनंत बूंदें मिलकर सागर का निर्माण करती है, उसी प्रकार अनंत गुण मिलकर एक महापुरुष का निर्माण करते हैं। महापुरुषों का जीवन अनंत गुणों से परिपूर्ण होता है। जैसे समुद्र की बूंदों को गिन पाना असंभव है वैसे ही महापुरूषो के गुणों की अभिव्यक्ति करना दुष्कर है। महापुरुषों की श्रृंखला में एक नाम है- आचार्य श्री महाश्रमण। आचार्य महाश्रमण एक ऐसा व्यक्तित्व है जिनके चारों तरफ महिमा, गरिमा, भव्यता दिव्यता का दर्शन होता है। उनके चिन्तन में मौलिकता व्यवहार में मृदुता, आचार में दृढ़ता है। उनकी शालीनता,विशालता, गंभीरता, उज्ज्वलता, पवित्रता बेजोड़ है। वे अक्षय ऊर्जा के स्रोत है। वे संयम के अनुत्तर साधक है। वे विनम्रता व सहिष्णुता की प्रतिमूर्ति है। मुनिश्री ने आगे कहा कि-वे तीर्थकर के प्रतिनिधि व छत्तीसगणों के धारक है। अहिंसा यात्रा के जाईये उन्होंने सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति का संदेश दिया । हम मंगल कामना करते हैं कि आचार्य प्रवर निरामय, रहते हुए जिनशासन व तेरापंथ धर्म संघ की श्रीवृद्धि में योग भूत बनते रहे।
बाल मुनिश्री कुणाल कुमार जी ने सुमधुर गीत का संगान किया। कार्यक्रम का शुभारंभ बृहत्तर कोलकाता की तेरापंथ कन्या मण्डल की कन्याओं के मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण उत्तर हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष राकेश जी संचेती ने दिया।अभ्यर्थना में जैन विश्व भारती के उपाध्यक्ष जतनलाल जी पारख, नारी रत्न श्रीमती तारा देवी सुराणा, अ.भा. ते. महिला मंडल की ट्रस्टी श्रीमती सूरज बरड़िया, संगठन मंत्री श्रीमती रमण पटावरी, विकास परिषद् के सदस्य बनेचंदजी मालू, अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के उपाध्यक्ष प्रतापचंद्र दुगड, अ.भा.ते.यु.प.के पूर्व सहमंत्री अनंत बागरेचा टी.वी.एफ के पूर्व महामंत्री सुशील जी चोरडिया ने अपने विचार व्यक्त किये। अभ्यर्थना समारोह में अभ्यर्थना गीतों के संगान के क्रम में बृहत्तर कोलकाता की तेरापंथ युवक परिषदों ने, बृहत्तर कोलकाता की तेरापंथ महिला मंडलों ने, बृहत्तर कोलकाता की तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम ने, जैन कार्य वाहिनी ने बृहत्तर कोलकाता के उपासक श्रेणी व ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने आठ समूह गीतों का संगान किया। उत्तर हावड़ा सभा के मंत्री सुरेन्द्र बोथरा ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी।
आभार ज्ञापन सहमंत्री महावीर जी दुगड़ ने किया । कार्यक्रम का संचालन मुनिश्री परमानंदजी ने किया। गीतों के संगान के पश्चात् प्रश्नोत्तर का भी सुन्दर क्रम रहा। कार्यक्रम में समूह गीतों में प्राय प्रत्येक में 51 सदस्यों ने अथवा अधिक सदस्यों ने गीत का संगान कर आचार्य श्री महाश्रमण जी के दीक्षा के 51 वें वर्ष में प्रवेश करने के प्रसंग पर अभ्यर्थना प्रस्तुत किया । प्रथम बार 400 से अधिक व्यक्तियों ने मंच पर एक कार्यक्रम में गीतों की प्रस्तुतियों दी । कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस अवसर पर कन्या मंडल द्वारा आचार्य श्री महाश्रमण जी के जीवन चरित्र पर हस्तनिर्मित कृतियों का भी प्रदर्शनी आयोजित की गई।