मूलभूत सुविधाओं का मोहताज रा.वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत वि. कुकणों की ढाणी पंचायत समिति घंटियाली
विद्यालय में कुल स्वीकृत पद 17 भरे हुए 6 पदों में 2 शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर, 4 शिक्षकों के भरोसे हो रहा स्कूल का संचालन,शिकायतों के बाद भी अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
रामदेव सजनाणी/फलोदी।:-हमारी भारतीय संस्कृति में संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी कहा गया हैं,और देश की युवा पीढि को शिक्षित करने के लिए पहले से बहुत कम संस्कृत पाठशालाएं संचालित हो रही हैं,जो कमबोश हो रही हैं उसमें भी मुलभूत सुविधाओं का अभाव होने इसमें पढने वाले छात्रों को इसके प्रति मन कुंठित हो रहा हैं,और बीच पढाई छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं, ऐसा ही हाल क्षेत्र के रा.वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत वि. सजनाणियों की ढाणी पंचायत के कुकणों की ढाणी पाठशाला का हैं,गांव में संस्कृत स्कूल का शुभारंभ 1995 में हुआ और जनसहयोग से दो कमरों का निर्माण करके इसका का शिक्षण कार्य शुरू किया,उसके बाद से उप्रा वि में क्रमोन्नत जुलाई 2007 से हुआ।और प्रवेशिक माध्यमिक में जुलाई 2013और वरिष्ठ उपाध्याय में जुलाई 2019 को जरूर क्रमोन्नत हुआ लेकिन सुविधाएं जो बढी वो गांव के भामाशाह के सहयोग से ही दो ओर कक्षा कक्ष का निर्माण हुआ,लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई कक्षा कक्ष का निर्माण नहीं होने से छात्र-अभिभावकों व ग्रामीणों में भारी रोष हैं।
रिक्त पदों की दोहरी मार:-वर्तमान में विद्यालय में कुल 17 पद स्वीकृत हैं,उसमें विभागीय रिकोर्ड में 6 पद भरे हुए हैं,उनके भी 2 व्याख्याताओं ने राजनेतिक पहुंच के चलते एक ने जयपुर व दूसरे ने जोधपुर विभागीय आदेशानुसार प्रतिनियुक्ति करवाकर वहां सेवाएं दे रहे हैं,पिछे 4 शिक्षकों के भरोसे स्कूल का संचालन हो रहा हैं,इसके लिए ग्रामीणों ने पूर्व में एसएमसी सदस्यों की बैठक लेकर विभागीय अधिकारियों से शिकायतें भी की लेकिन कोई सुधार नहीं होने से ग्रामीणों में भारी रोष हैं।
एक साथ चार कक्षाओं का संचालन:-तीस साल से गांव में संस्कृत स्कूल का संचालन हो रहा हैं,लेकिन ना कक्षा कक्ष बढायें,ना शिक्षक बढाएं इस िस्थति में वर्तमान में कक्षा कक्ष 12 की जरूरत पड़ती हैं,लेकिन विभागीय मापदंड के अनुसार तीन कक्षा कक्ष ही बने हुए हैं, उसका भी 25 साल पूर्व रमसा द्वारा किया गया,इस दौरान एक साथ तीन से चार कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को पढाने पर उनकी पढाई बाधित हो रही हैं,लेकिन इसकी विभाग को कोई चिन्ता नहीं हैं।
प्रधानाचार्य के जुनून और स्टाफ की मेहनत से जनसहयाेग से बदल दी स्कूल की काया-
सामाजिक जीवन में हर सक्षम व्यक्ति सामाजिक सरोकार के तहत ऐसे कार्य करता है जो प्रेरणादायक होते है परन्तु कुछ व्यक्ति ऐसे होते है जो सादगी से जीवन जीने के बाद सरकारी सेवा में एक सामान्य पद पर रहते हुए जिस क्षेत्र में कार्य करते है। उस विभाग में ऐसे-ऐसे कार्य कर जाते है जो विभाग को ही नहीं बल्कि उस है और ऐसा ही कार्य
रा.वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत वि. कुकणों की ढाणी के प्रधानाचार्या शिक्षक स्टाफ द्वारा करवाया गया। क्षेत्र के लिए भी प्रेरणादायक बन गया ।
ढाई दशक से अधिक समय पुराने जर्जरहाल में पड़े तीन कक्षा कक्ष व प्रधानाचार्य कार्यालय का गत दिनों एसडीएमसी सदस्यों की बैठक रखकर कार्यावाह प्रधानाचार्य श्यामसुन्दर,स्थानीय शिक्षक गंगाराम ईशरवाल जैसलां वरिष्ठ अध्यापक ने इन कमेटी सदस्यों के समक्ष उक्त विद्यालय के जीर्णोद्धार की बात रखने पर गांव के भामाशाह आगे आये,और 1 लाख रूपए आये,उसमें भी काम पूरा नहीं होने पर स्कूल स्टाफ ने अपने निजी सहयोग से 51 हजार रंगरोगन व साज-सजा का कार्य करवाया। प्रधान दारा एक शौचालय का निर्माण व पंचायत की ओर से एक शौचालय व एक पानी का टांका का निर्माण , मुख्य द्वार से स्कूल बिल्डिंग तक इंटरलॉकिंग सड़क का कार्य करवाया गया ।
इच्छा शक्ति से ही बदल दी तस्वीर–
शिक्षक चाह जाएं तो स्कूल का माहौल बदल सकता है। ऐसा ही कुछ प्रयास विद्यालय के स्टाफ साथियों और संस्था प्रधान ने और उसमें सहयोग दिया ग्रामीणों और गांव के युवा सथियो ने। सभी ने मिलकर स्कूल की तस्वीर ही बदल दी। स्कूल और शिक्षा व्यवस्थाओं सुधारने के जुनून के साथ सरकारी स्कूल का कायाकल्प ही कर दिया।
इन्होंने यह बताया:-दोनों शिक्षकों को निदेशालय के आदेशानुसार प्रतिनियुक्ति पर लगवाया गया है,इसके लिए हमने वापस मुल स्थान पर लगाने के लिए प्रतिवेदना भेज रखी हैं,रही बात भूमि भवन इसके लिए हमने समसा कार्यालय से तकनिकी रिपोर्ट बनाकर मांग पत्र निदेशालय को बजट आवंटन के लिए पत्र प्रेषित कर दिया हैं।आंवटन की प्रक्रिया सुनुश्चित होते भवन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी,रिक्त पदों को भी डीपीसी द्वारा जल्द भर दिया जाएगा।
राजेन्द्र प्रसाद शर्मा सम्भागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी जोधपुर।