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कोलकाता 16 दिसम्बर। भारतीय संस्कृति का मूल उद्देश्य है आखिरी सांस तक ज्ञान प्राप्ति में लगे रहना। गीता केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि इसके संदेशों को जीवन में उतारने की आवश्यकता है। अत: हमारी सांस्कृतिक धरोहर गर्व करने योग्य है। डॉ. हेडगेवार जैसे व्यक्तित्व ने इसी भाव से जनमानस में चेतना जागृत की एवं उनका मूल उद्देश्य था भारतीय पुनर्जागरण।’- ये उद्गार हैं केरल के महामहिम राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान के, जो श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय द्वारा स्थानीय आशुतोष जन्म शताब्दी हॉल में रविवार 15 दिसम्बर को आयोजित 35वें डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान समारोह में संवाद लेखन एवं राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को सम्मानित करने के उपरांत बतौर अध्यक्ष बोल रहे थे। डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को सम्मान स्वरूप 1 लाख रुपये का चेक एवं मानपत्र प्रदान किया गया। प्रधान वक्ता श्री सुनील आंबेकर ने डॉ. हेडगेवार के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि 1857 की क्रांति की विफलता के बाद डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्र के प्रति समर्पित लोगों की आवश्यकता को समझते हुए 1925 में आरएसएस की नींव रखी। उस समय इसे संभालकर रखना बड़ी चुनौती थी। उन्होंने यह भी कहा कि जब-जब हिन्दू समाज राष्ट्रीयता से विमुख हुआ, देश ने विभाजन और आतंकवाद जैसी समस्याएं झेली। लेकिन जब भी एकजुट हुआ, परिणाम राष्ट्र के हित में रहे। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह दुखद है, लेकिन वहा हिन्दू समाज एकजुट होकर विरोध कर रहा है, जो सबके लिए एक सीख है। उन्होंने तकनीक और संस्कृति के संतुलन पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत की मेधा इतनी समृद्ध है कि एक समय आएगा जब हम तकनीक के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत रखेंगे।
प्रधान अतिथि श्री सज्जन कुमार तुल्स्यान ने डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को जीवित रखा है और उनके कार्य भारतीयता और हिन्दुत्व के पर्याय हैं।
विशिष्ट अतिथि श्री हितेश शंकर ने कुमारसभा के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए विगत प्रज्ञा सम्मान से समादृत व्यक्तित्वों की प्रशंसा की। इस वर्ष डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय बहुत सटीक एवं उचित बताया।
सम्मान से समादृत होने के उपरांत डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी ने पुस्तकालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे कई सम्मान मिले हैं, लेकिन डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान मेरे लिए सबसे बड़ा है। यह सम्मान उस विचारधारा और मार्ग का सम्मान है, जिसके साथ मैंेने जीवन की शुरुआत की थी। भारतीय संस्कृति प्राचीन और नित्य नवीन है, और यह देखकर खुशी होती है कि नई पीढ़ी इसे समझ रही है। पुस्तकालय के अध्यक्ष श्री महावीर बजाज ने स्वागत भाषण दिया, कार्यक्रम का कुशल संचालन किया डॉ. तारा दूगड़ ने तथा धन्यवाद ज्ञापन किया कुमारसभा के मंत्री श्री बंशीधर शर्मा ने। प्रारंभ में लोकप्रिय गायक श्री ओमप्रकाश मिश्र ने गीत की प्रस्तुति की। सर्वश्री डॉ. अजय प्रताप सिंह, लक्ष्मीनारायण भाला, सत्यप्रकाश राय, मनीष जैन एवं मनोज काकड़ा ने अतिथियों का अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत किया। श्री सीताराम तिवाड़ी के स्वति वाचन के साथ डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी का उपाध्यक्ष श्री भागीरथ चांडक ने माला, श्री हितेश शंकर ने श्रीफल, श्री सज्जन तुल्स्यान ने शॉल, श्री सुनील आंबेकर एवं माननीय राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने मानपत्र एवं चेक प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह में सर्वश्री महावीर प्रसाद रावत, डॉ. बिन्दे·ारी प्रसाद सिंह, सांवरमल अग्रवाल, डॉ. विकास अग्रवाल, रमेश कुमार बेरीवाल, सुभाष अग्रवाल, एन.के. अग्रवाल, राजगोपाल सुरेका, अजयेन्द्राथ त्रिवेदी, मुकुंद राठी, नरेन्द्र डागा, सत्यनारायण तिवाड़ी, अनिल ओझा “नीरद’, सागरमल गुप्त, राजेश अग्रवाल, तेजबहादुर सिंह, प्रशांत भट्ट, विभाष मजूमदार, डॉ. कमल कुमार, नन्दकुमार लढ़ा, दयाशंकर मिश्र, राजेन्द्र द्विवेदी, डॉ. आर.एस. मिश्रा, पूर्णिमा चक्रवर्ती, अरुण प्रकाश मल्लावत, इन्दर नाहटा, नन्दलाल सिंघानिया, राजेन्द्र कानूनगो, दुर्गा व्यास, सुनील हर्ष, रामचन्द्र अग्रवाल, रामगोपाल सूंघा, कमल कुमार गुप्ता, पिं्रस अग्रवाल, अजय चौबे, रविप्रताप सिंह, शैलेश बागड़ी, अजय मिश्रा, रमाकांत सिन्हा, डॉ. कमलेश जैन एवं कुसुम सरावगी प्रभृति कोलकाता एवं हावड़ा के सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित थे। समारोह को सफल बनाने में सर्वश्री संजय मंडल, भागीरथ सारस्वत, श्रीमोहन तिवारी, गायत्री बजाज एवं अरुण सिंह प्रभृति सक्रिय थे। चित्र विवरण : डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी को डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित करते हुए केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान। अन्य परिलक्षित हैं (बायें से) डॉ. तारा दूगड़, श्री महावीर बजाज, सज्जनकुमार तुल्स्यान, श्री सुनील आंबेकर, श्री हितेश शंकर एवं श्री बंशीधर शर्मा।
समाचार प्रदाता
वीर रतन जैन फलोदिया