अजमेर
सतीशचन्द लुणावत,राष्ट्रीय संवाददाता
Key Line Times
मुक प्राणी जैसे गाय कुत्ता बंदर मोर कबूतर उनकी सेवा करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। इसके लिए मैं एक ही बात कहूंगा *करके देखो*
क्योंकि यह बड़ी प्रैक्टिकल बात है जिन जिन लोगों ने किया है उन लोगों से आप नजदीक जाओगे आपको एकदम स्वस्थ मिलेंगे
मैं यह बात अधिकार पूर्वक इसलिए कह पा रहा हूं कि मैंने पीपल फॉर एनिमल्स में काम किया है ।
मैं घर में अपने पिता को भी यह कार्य करते देखा है और मैं भी जीवन में इस लक्ष्य की ओर प्रयत्न करता रहता हूं।
मुख प्राणी सेबा के ब्यावर ग्रुप से मैं 4 साल से जुड़ा था।
हाल ही में 6 सप्ताह से अजमेर में यह ग्रुप काम कर रहा है।
हम मंगलवार को सुबह गौ सेवा वानर सेवा कबूतर मोर सेवा कीड़ी नगरा सेवा इत्यादि करने के लिए जंगल में स्थित सराधना माताजी गुरु गौरीकुंड माता जी वादियों में स्थित पहाड़ी झरनों के आसपास सेवा करने जाते हैं
यह सेवा अनवरत रूप से जारी रखने का संकल्प है और आप सभी इसमें सहयोग भी कर रहे हैं
इस सप्ताह श्री अनिल चोरड़िया के नेतृत्व में विशिष्ट अतिथि सुश्री बलजीत कौर जिला जज , श्रीमती मोनिका डीडवाना डायरेक्टर आस्था फाउंडेशन श्री कमलेश वैष्णव, भड़ाना ट्रांसपोर्ट व्यवसाय श्री केवलचंद बैंक कीयोस्क मालिक , श्री देवनानी जी श्री अनिल साहू प्रॉपर्टी ओनर और विजयनगर से की लाइन टाइम्स संवाददाता सतीशचंद लुणावत सुमित्रा लुणावत भी मेरे साथ सेवा में जुटे थे।
अनुपम और आनंददायक वातावरण में सेवा की गई बंदरों को हाथ से चने मूंगफली खिलाते हुए महिलाओं ने जो आनंद लिया वह अतुलनीय था जो महिलाएं बंदर के नाम से कांप उठती थी वह महिलाएं बंदरों के बीच बैठकर बड़े प्यार से अपने पुत्र की तरह उन बंदरों को चना मूंगफली खिला रही थी और बंदर भी बड़े आदर सत्कार के साथ जैसे मां से और मन से मां के हाथ से खाने का आनंद उठा रहे थे। केले को बंदर जिस तरह से उछल कूद करके खा रहे थे अमरूद को जिस तरह से खा रहे थे हमारे लिए अति आनंद था तो वानर वानर राज के लिए तो एक उत्सव की भांति था। एक केला या अमरुद हाथ में आते ही वह आनंद से झूम के भागते हैं देखने लायक दृश्य होता है ।
मेरा अनुभव है कि 4:30 साल से जो ब्यावर से जुड़े लोग हैं उसमें मैं भी शामिल था उन सबके जीवन में आनंद और समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य बढ़ता जा रहा है ऐसा मेरा मानना है आप भी आए हैं अनुभव ले आपके उत्तम स्वास्थ्य आपके जीवन में आनंद बड़े इसकी मंगल कामना के साथ हुआ आपको आमंत्रित करता हूं इसके लिए प्रति मंगलवार 8:00 बजे सुबह मंदिर में सेवा होती है साथ में वानर सेवा होती है। आप अपने साधनों से कहीं से भी पहुंच सकते हैं ग्रुप बनाकर के हम लोग यहां से चार-पांच गाड़ियां जाती है चाहे तो हमारे साथ भी चल सकते हैं स्वागत है और बड़ी बात कि इस कार्य के लिए किसी से भी पैसा नहीं मांगा जाता है सभी लोग स्वेच्छा से इसमें पैसा दे रहे हैं और इस में जो जाते हैं अपने कंट्रीब्यूशन देते हैं उसी से बहुत अच्छी सेवाएं हो रही है दीपावली पर इनको बंदर को लड्डू खिलाए गए थे वह लड्डू हाथ में लेकर के जो बंदर खा रहे थे तब ऐसा लग रहा था कि अपने ही बच्चे दिवाली मना रहे हो ।मकर संक्रांति के पास वाले मंगलवार के दिन इनको गुलगुलों का सेवन कराया जाएगा ।
क्योंकि हमने अभी गुलगुले खिलाए थे पिछली बार तब यह प्रश्न उठा था कि बंदर को गुलगुला खिलाया या नहीं
तब प्राणी विशेषज्ञों से बातचीत की गई तो पता चला कि कभी कभार बंदर को गुलगुला खिलाना और विशेष तौर पर सर्दी पर खिलाना इनकी सर्दी से बचने की क्षमता में विकास करता है ।इसलिए सर्दियों में उनका गुलगुला खिलाया जाना चाहिए।
गर्मियों में कभी भी तेल की चीज नहीं खिलाई जाती है आप आए गौरीकुंड का दर्शन करें गौरीकुंड वह स्थान है जहां कितना भी अकाल पड़ जाए पहाड़ में मंदिर में जो एक कुंड है छोटा सा उसका पानी कभी खत्म नहीं होता है और बिल्कुल गंगाजल जैसा पवित्र पानी है आए पिए और स्वस्थ रहे।