बांदनवाड़ा,भगवान सत्यनारायण के 5 दिवसीय मेले के तीसरे दिन शुक्रवार को महिलाओं ने जमकर खरीदारी की। कस्बे सहित आसपास की महिलाएं घरेलू सामान,सजावटी आईटम इत्यादि की दुकानों पर जमी रही। इस दौरान मेला कमेटी की ओर से सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए। गुरुवार देर शाम तक चले कबड्डी व कुश्ती-दंगल प्रतियोगिता में खिलाडि़य़ों ने अपना दमखम दिखाया। 70 किलो वर्ग दंगल केसरी प्रतियोगिता में पहले स्थान पर किशन चौधरी व द्वितीय स्थान पर कुणाल आचार्य एवं तृतीय स्थान पर बबलू गुर्जर रहे। 60 किलो वर्ग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर अनुजकुमार विश्नोई, द्वितीय स्थान पर विक्की विश्नोई तथा तृतीय स्थान पर ऋषि साहू रहे। 70 किलो वर्ग दंगल कुमार प्रतियोगिता में सुमित विश्नोई, द्वितीय स्थान पर रोहित प्रजापत एवं तृतीय स्थान पर गोविन्द विश्नोई रहे। महिला बांदनवाड़ा महिला केसरी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर माया माली रही। बांदनवाड़ा कुमारी प्रतियोगिता में पहले स्थान पर कविता माली रही वहीं द्वितीय व तृतीय स्थान पर कविता कुमारी व कुमकुम अजमेर रही। कबड्डी प्रतियोगिता में 16 टीमों ने भाग लिया।फाइनल मैच विजय कमल बांदनवाड़ा व देवलक्ष्मी ट्रांसपोर्ट कम्पनी के मध्य खेला गया,जिसमें विजय कमल टीम विजेता रही। प्रतियोगिताओं के अंत में मेला कमेटी की ओर से आयोजित दंगल-कुश्ती तथा महिला व पुरुष कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाडिय़ों का अभिनंदन किया गया। कबड्डी प्रतियोगिता में विजेता टीम को 31 हजार का नकद पारितोषिक समाजसेवी प्रेमराज जांगिड़ द्वारा दिया गया। दंगल प्रतियोगिता में उदयपुर,राजसमंद, भीलवाड़ा, पुर के 70 पहलवानों ने दांव-पेच लगाए। मेले के तीसरे दिन शुक्रवार को भी महिलाओं की चम्मच रेस, मटका रेस, कुर्सी रेस, जलेबी रेस, कंचे रेस सहित गुब्बारा फुलाओ प्रतियोगिताएं हुई। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि भाजपा नेता कैलाश लांबा थे,जिन्होंने विजेता प्रतिभागियों को पारितोषिक प्रदान किए। इस दौरान महिलाओं व बच्चों ने झूले-चकरी, ब्रेक डांस झूले का भरपूर आनंद लेते चाट-पकौड़ी के चटकारे लगाए।मेला कमेटी अध्यक्ष जयमल रहलानी,बनवारी दास वैष्णव,पंकज शर्मा,अनुराग शर्मा,चंद्रप्रकाश टेलर,नागेन्द्रसिंह राठौड़,विनोद वर्मा,रामस्वरुप चौधरी, दशरथ शर्मा,शंकर जांगू,संजय खटीक, राहुल शर्मा, बिंदुसिंह, विनोद सरवाल, गणेश शर्मा, कल्पना पुरोहित आदि ने मेले व खेल प्रतियोगिताओं की व्यवस्था संभाली।मेले में दिनभर महिलाएं व बच्चे झुंड में मेले में खरीदारी करते दिखे।रात्रि में भजन कलाकार गोकुल शर्मा व गायिका हेमलता वैष्णव अपनी स्वर लहरियां बिखेरेंगे।मिट्टी के बर्तनों की भी जमकर हुई बिक्री :भगवान सत्यनारायण का मेला मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध है। आसपास क्षेत्र की महिलाएं इसी मेले में अपने घरों के लिए मिट्टी के बर्तन हांडी, केलड़ी, बिलोवणे, दही के कूंडे, काले मटके इत्यादि खरीदती है। मेला शुरु होने के एक माह पूर्व ही मिट्टी के बर्तनों की दुकानें सजना शुरु हो जाती है।
रुपपुरा का भैंसा बना आकर्षण : भगवान सत्यनारायण के मेले में समीपवर्ती ग्राम रुपपुरा के एक पशुपालक का विशालकाय भैंसा आकर्षण बना रहा। पशुपालक घनश्याम जांगिड़ ने बताया कि यह भैंसा अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेले में आयोजित प्रतियोगिता में सम्मिलित हुआ था, जिसमें उसने तृतीय स्थान प्राप्त किया। जो ना केवल गांव रुपपुरा के लिए बल्कि राजस्थान राज्य के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि इस भैंसे को रोजाना फल-फ्रूट व दूध सहित सूखे मेले एवं पौष्टिक आहार दिया जाता है, जिससे साधारण भैंसा विशालकाय हाथी के समान प्रतीत होता है।