स्वतंत्रता दिवस के 78 वें साल पर कनक पारख की कृति…सुरेंद्र मुनोत, ऐसोसिएट एडिटर,Key Line Times धरती मॉं है वीरों की आन देश के तिरंगे की है अनूठी शान जब -जब ललकारा है वसुधा को जांबाज हुए धरा पर अनगिनत कुर्बान। केसरिया रंग बल है भरता रंग सादा सच्चाई धरता अशोक चक्र, धर्म चक्र कहलाता हरा रंग हरियाली लाता। जब भी विपदा आन पड़ी निगाहें दुश्मनों पर रहती खड़ी आजादी की खातिर देखो झांसी की रानी खूब लड़ी । दुश्मनों की कोशिशों को , हम कर देंगे नाकाम जिस लहू से हमें सींचा है, कर देंगे उसका तमाम कर्ज चुकाकर तेरा , विश्व गुरु कहलायेंगे 78 वां स्वतंत्रता दिवस, हम खूब हर्ष से मनायेंगे । कनक पारख विशाखापट्टनम।