
गुजरात,डांग-आहवा:
डांग के मुख्यालय आहवा में वांसदा के विधायक अनंतभाई पटेल और वलसाड-डांग के पूर्व सांसद किशन पटेल के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने जनरल सिविल अस्पताल आहवा के निजीकरण को लेकर सरकार की नीति के खिलाफ रैली निकाली और धरने पर बैठने कि चेतावनी दी |
डांग जिले में पूरी तरह से 96% आदिवासी आबादी है और भौगोलिक रूप से वर्तमान में एकमात्र सरकारी अस्पताल आहवा में स्थित है। जिसका लाभ सरकार के माध्यम से 311 गांवों के आदिवासी समाज और अन्य समाजों को मिलता है। डांग जिले के जिवादोरी सरकारी सिविल अस्पताल का निजीकरण किया जाएगा ऐसी अटकलें चल रही हैं। एसे में डांग जिला कांग्रेस पार्टी और अन्य दल सरकार की नीति का विरोध कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि डांग के लोगों का एकमात्र मुक्त स्वास्थ्य आधार न छीन लिया जाए। जिसके तहत कुछ दिन पहले डांग कांग्रेस पार्टी ने जिला कलेक्टर को आवेदन पत्र देकर अगले कुछ दिनों में धरना देने की चेतावनी दी थी। जिनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वांसदा के आदिवासी विधायक अनंतभाई पटेल, और वलसाड-डांग के पूर्व सांसद किशनभाई पटेल, डांग कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मोतीलाल भाई चौधरी और डांग कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष स्नेहल ठाकरे सहित कांग्रेस नेता और पार्टी कार्यकर्ताओने डांग जिले के प्रशासनिक मुख्यालय आहवा के वघई चौराहे पर स्थित पेट्रोल पंप से बड़ी संख्या में लोगों ने रैली निकाली। जिसमें सिविल को सिविल ही रहने दो, सिविल अस्पताल को सरकार चलाओ, सिविल अस्पताल में स्थाई डॉक्टरों की नियुक्ति करो जैसे नारे लगाए गए।
सिविल अस्पताल पटांगण में धरना देकर सरकार की निजीकरण की नीति का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि तानाशाही नहीं चलेगी, किसी भी कीमत पर सिविल अस्पताल का निजीकरण नहीं किया जाएगा, अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में धरना देगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी|