
रामदेव सजनाणी, राष्ट्रीय संवाददाता
Key Line Times
राजस्थान,इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों के विकास और आधुनिक तकनीक के आगमन के साथ, पारंपरिक तरीके और उपकरण धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं। घाणी जैसे पारंपरिक उपकरण भी अब कम उपयोग में आ रहे हैं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक तेल निकालने वाले यंत्र अधिक तेज और सुविधाजनक हैं।
लेकिन, पारंपरिक तरीकों और उपकरणों का अपना महत्व है, क्योंकि वे हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा हैं। #ऊंटों के आंखों पर #पट्टी बांधते हैं, तब ऊंट घाणी के चारों घुमता रहता है, तब जाकर के तेल निकलता है। यह पारंपरिक तरीका है, जो #सदियों से चली आ रही है।इसलिए, हमें इन पारंपरिक तरीकों और उपकरणों को संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी इनके बारे में जान सके।

