मलखाचक एक छोटा सा, गंगा नदी के किनारे बसा हुआ गाँव है। यह गाँव, छपरा जिले के दिघवारा प्रखंड के अंतर्गत आता है। यह पूरा गाँव, स्वतंत्रता सेनानियो का गाँव कहा जाता है। पिछले दिनो इस गाँव मे जाकर एक स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय देवनारायण सिंह के परिवार से मिलने का मौक़ा मिला। उनके सुपुत्र श्री उपेन्द्र सिंह और सुपुत्री बिमला देवी (जो की छपरा में रहती है, सौभाग्य से वह अपने अस्वस्थ भाई से मिलने आई थी) से मिलने और बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ। स्वर्गीय देवनारायण सिंह का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। उपेन्द्र सिंह जी ने बताया की कैसे उनके पिता, महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलते रहे मरते दमतक। उनकी मृत्यु अक्तूबर २००३ में हुई थी। वो सर्वदा खादी है ही पहनते थे। मलखाचक गाँव में सन् १९३२ में महात्मा गांधी भी आकर तक़रीबन सात दिनों तक प्रवास किया था। उस जगह को आज “गांधी कुटीर” के नाम से जाना जाता है। इस गाँव के लोग गांधी जी द्वारा चलाये गए नमक आंदोलन और स्वदेशी अपनाओ आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिए थे। आज जनवरी ३०, २०२४ को गांधी जी के पुण्यतिथि पर, इन परिवारों को भी याद करना चाहिए, जिन्होंने गांधी जी एक पुकार पर अपना सबकुछ देश के नाम कर दिया।